काेराेना केस में लापरवाही निजी लैब की रिपोर्ट में पॉजिटिव, इलाज चला और क्वारेंटान रखा, सरकारी रिकॉर्ड में रिपोर्ट निगेटिव

स्वास्थ्य विभाग का ये रवैया हैरान करने वाला है। निजी लैब में पाॅजिटिव आए दाे लाेगाें की रिपाेर्ट काे विभाग ने मान्य नहीं किया, लेकिन इन मरीजाें का इलाज करने के साथ उन्हें संक्रमित व्यक्ति की तरह नियमाें के तहत ही क्वारेंटाइन में रखा। इतना सब हाेने के बाद भी सरकारी रिकाॅर्ड में ये लाेग काेराेना संक्रमित के ताैर पर दर्ज नहीं किए गए। मरीज और उसके परिजन के सामने बड़ी परेशानी यह है कि वह निजी लैैब की रिपाेर्ट काे पॉजिटिव माने या निगेटिव। अगर निगेटिव है तो उसे आईसीएमआर की गाइडलाइन के हिसाब से अस्पताल में क्यों भर्ती…

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