ग्वालियर

काेराेना केस में लापरवाही निजी लैब की रिपोर्ट में पॉजिटिव, इलाज चला और क्वारेंटान रखा, सरकारी रिकॉर्ड में रिपोर्ट निगेटिव

ग्वालियर

स्वास्थ्य विभाग का ये रवैया हैरान करने वाला है। निजी लैब में पाॅजिटिव आए दाे लाेगाें की रिपाेर्ट काे विभाग ने मान्य नहीं किया, लेकिन इन मरीजाें का इलाज करने के साथ उन्हें संक्रमित व्यक्ति की तरह नियमाें के तहत ही क्वारेंटाइन में रखा। इतना सब हाेने के बाद भी सरकारी रिकाॅर्ड में ये लाेग काेराेना संक्रमित के ताैर पर दर्ज नहीं किए गए। मरीज और उसके परिजन के सामने बड़ी परेशानी यह है कि वह निजी लैैब की रिपाेर्ट काे पॉजिटिव माने या निगेटिव। अगर निगेटिव है तो उसे आईसीएमआर की गाइडलाइन के हिसाब से अस्पताल में क्यों भर्ती रखा जा रहा है? 
दरअसल, शासन ने पैथकाइंड लैब काे काेराेना की जांच के अधिकृत किया है। इस लैब में जांच के एवज में मरीज को साढ़े चार हजार रुपए देना पड़ते हैं। उसका सैंपल जांच के लिए गुडगांव भेजा जाता है जिसकी रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लगते हैं। 

ये उदाहरण बताते हैं कि कहीं न कहीं गड़बड़ी तो हो रही है...

केस-1: सिकंदर कंपू निवासी कोमल जैसवानी काे 6 मई को कौल हॉस्पिटल में भर्ती कराया। काेमल का सैंपल प्राइवेट लैब में भेजा। 8 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। प्रशासन ने 9 मई को पुन: सैंपल लिया, जिसकी रिपोर्ट 10 मई को निगेटिव आई। प्रशासन ने काेमल काे कोरोना पॉजिटिव नहीं माना, लेकिन उसे घर नहीं जाने दिया गया।

केस-2 :बिजली विभाग के छविराम तोमर को 8 दिन से बुखार था। बीआईएमआर हॉस्पिटल में उनसे कहा कि वह कोरोना की जांच कराएं। उन्होंने प्राइवेट लैब में 12 जून को सैंपल दिया, रिपोर्ट 14 जून को पॉजिटिव आई। इसी दिन दूसरा सैंपल लेकर वायरोलॉजिकल लैब में भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इन्हें भी स्वास्थ्य विभाग निगेटिव मान रहा है। 

निजी लैब में अभी तक 330 सैंपलों की जांच: केंद्र सरकार ने कुछ लैब को कोरोना की जांच करने के लिए मंजूरी दी है। ग्वालियर में ही प्राइवेट लैब द्वारा अभी तक 330 लोगों के सैंपल लिए गए। इनमें से कोमल जैसवानी और छविराम तोमर की रिपोर्ट पॉजिटिव तथा 328 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई।

शासन से जवाब का इंतजार
शासन से मार्गदर्शन मांगा है कि निजी लैब में कोरोना पॉजिटिव आने पर उसे पॉजिटिव माना जाए या नहीं। वहां से जवाब मिलने पर ही निर्णय लिया जाएगा।

-डॉ. वीके गुप्ता, सीएमएचओ

प्रोटोकॉल के अनुसार जांच
प्रोटोकॉल के तहत गुडगांव की लैब में सैंपल भेजे जा रहे हैं। पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट कंफर्म करके ही निकालते हैं। हमें अपनी रिपोर्ट पर भरोसा है।  

  -डॉ. सुदर्शन गुप्ता, लैब हेड, पैथकाइंड

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