संजीव सिंह की खबर।
चिरिमिरी,कोरिया(छ. ग) - बता दे कि चिरिमिरी नगर पालिक निगम क्षेत्र है और यहां एसईसीएल जैसी बड़ी एजेंसी भी काम कर रही है अब अगर दोनों एजेंसियों का पिछले 15 वर्षों का काम देखा जाए तो अपने कर्मचारियों के अलावा एसईसीएल ने चिरिमिरी की जनता के लिए लगभग पर्याप्त व्यवस्था की है लेकिन वहीं नगर पालिक निगम ने पिछले15 वर्षों में नाली,सांस्कृतिक मंच,चिरिमिरी का सौंदर्यीकरण और भी बहोत सारी योजनाओ पर फ़िजूल खर्च कर ठेकेदारों की आड़ में कमीशन खोरी का काम किया है जिसका आम जनता को कोई लाभ नही मिल रहा है जबकि निगम क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा,रोजगार की व्यवस्था और शिक्षा जैसी जरूरी विषयों पर ध्यान देने की जरूरत थी पर ऐसा नही हुआ है,आज जब कोरोना का कहर एक वैश्विक महामारी बन कर चिरिमिरी पर टूटा तब निगम क्षेत्र के सवा लाख रहवासियों को स्वास्थ सुविधाओं का अभाव समझ मे आ रहा है और आज भी जनप्रतिनिधि उचित व्यवस्था करने के बजाए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं,आज भी चिरिमिरी में पोड़ी उपस्वास्थ्य केंद्र या कोरिया उपस्वास्थ्य केंद्र जैसी जगहों पर ताले लटके हुए है और सवा लाख जनता को उन अस्पतालों के भरोसे छोड़ा गया है जहां पर्याप्त संसाधनों का अभाव है,अगर रात में किसी व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाए या किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ जाए तो उसे दूसरे अस्पताल में लेजाना पड़ेगा जो कि कम से कम 100 किलोमीटर की दूरी पर है जहां शायद उसकी जान बच सके लेकिन रास्ते मे उस मरीज का क्या होगा ये तो बस राम भरोसे है ऐसे स्थिति से निपटने के लिए चिरिमिरी के जनप्रतिनिधियों को स्वास्थ सेवा और पर्याप्त व्यवस्थाओ की पूर्ति पर जोर डालना चाहिए था और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधनों की मांग करनी चाहिए थी न कि एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का गंदा खेल खेलना चाहिए था,अब चिरिमिरी के जनप्रतिनिधियों को कौन समझाए की ये वक़्त ऐसे खेल खेलने का नही बल्कि मिलजुल कर इस वैश्विक महामारी से निपटने का है।